Wednesday, June 13, 2012

सेक्स एंड साइंस : हमारा शरीर


: पुरुष :

जवानी के शुरू होने की उम्र में मूछों के बाल आने शुरू होते हैं, बाँहों की बगल में एवं लिंग के आसपास भी रोयें आने लगते हैं, आवाज भारी होने लगती है.
पुरुषों में जवानी के लक्षण १५ से १८ वर्ष की उम्र में आने लगते हैं.
लिंग का उत्थान :
शरीर में रक्त का प्रवाह सभी अंगों में सतत चलता है. जितना रक्त आता हा उतना ही बाहर जाता रहता है. पुरुष जब सेक्स के बारे में सोचता है तो लिंग में आने वाला रक्त प्रवाह बाहर जाने वाले रक्त की मात्र से बढ़ जाता है, परिणामस्वरूप रक्त लिंग में इकट्ठा होने लगता है, अधिक रक्त के इकट्ठा होने से लिंग बड़ा एवं कठोर हो जाता है.
सामान्य तौर पर लिंग की लम्बाई ५ से ८ इंच मानी जाती है. लेकिन असामान्य तौर से ३ से दस इंच तक पढ़े गये हैं.
सेक्स एंड साइंस : हमारा शरीर
आपने बहुत अच्छे सूत्र का निर्माण किया है जो ज्ञान-वर्धक है.
जिन किन्ही सदस्य को प्रश्न पूछने हैं वे सभ्य भाषा में अपने प्रश्न प्रतुत कर सकते हैं.
अवांछित टिपण्णी ना करें.
: स्त्री :

स्त्री में पुरुष की अप्केशा दो से तीन साल पहले जवानी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं अर्थात १२ से १५ वर्ष की उम्र में.
इस समय स्त्री हारमोन के सक्रिय होने से लड़की के चेरे पर लावण्य आने लगता है, उसकी आवाज बारीक और सुरीली हो जाती है.
इस समय ही हाथों के बगल में एवं योनि के आसपास बाल आने लगते हैं.
योनि की गहराई सामान्य तौर पर ३ से ५ इंच होती है लेकिन योनी में एक ख़ास बात होती है इसका लिंग के अनुसार प्रसार होना. अतः योनि लिंग के साइज के अनुसार फ़ैल जाती है.
योनि के आन्तरिक अंत पर गर्भाशय जुड़ा होता है, गर्भाशय की साइज किसी वयस्क के हथेली के साइज का होता है. गर्भाशय के ऊपर के हिस्से में दोनो तरफ डिम्ब वाहिनी नालियां जुडी होती हैं जो डिम्बाशय के ऊपर डिम्ब को अपने में सोखने के लिए लटकी होती हैं. गर्भ का निषेचन डिम्ब वाहिनी नालियों और गर्भाशय के जोड़ पर होता है.

काफी ज्ञानवर्धक सूत्र सुरु किया है आपने...

निशा जी आम तोर पर विज्ञानं के अनुसार लड़कियों में माहवारी [MC] 14 वर्ष से आनी शुरु होती है,
लेकिन क्या कारण है की आजकल देखा गया है की लड़कियों में यह 12 वर्ष की उम्र से ही शुरु हो जाती है ,
क्या इसका कारण हमारे देश की गर्म जलवायु तो नहीं है ?
सेक्स दिमाग में शुरू होता है.
सेक्स के समय दिमाग से आदेश जाता है की पुरुष के लिंग के लिए रक्त प्रवाह बढ़ा दिया जाये.
अतः यदि लिंग उत्थान ठीक से नहीं होता है तो यह शारीरिक रूप से कोई खराबी नहीं है अपितु पुरुष का दिमाग सेक्स के लिए तीव्र उत्सुक नहीं है.
स्त्रियोचित हारमोन के स्राव के कारण स्त्रियों में माहवारी शुरू होती है.
डिम्बाशय से डिम्ब निकल कर डिम्ब वाहिनी नलकियों से होता हुआ गर्भाशय की दीवार से चिपक जाता है एवं निषेचन की प्रतीक्षा करता है. डिम्ब के गर्भाशय में आने के बाद यदि ७२ घंटों में डिम्ब का निषेचन नहीं होता है तो यह अगले १२ दिन बाद नष्ट होकर रक्त प्रवाह के साथ माहवारी के रूप में योनि से बाहर आ जाता है.
एक माहवारी से दूसरी माहवारी के शुरू होने के मध्य २५ से ३५ दिनों का समय सामान्य माना जाता है.
सेक्स के चरम पर शरीर में फेरोमोन नामक हारमोन का स्राव होता है जिस से शरीर शिथिल होकर आराम की मुद्रा में आ जाता है.
यह मन/शरीर एवं शरीर के विभन्न अंगों को आराम देने की एक प्राकृतिक क्रिया है.
जहां तक संभव हो सके तो सेक्स क्रिया के पश्चात कुछ देर आराम करना चाहिए ताकि शारीरिक अवयव आवश्यक आराम के बाद स्फूर्त होकर अपने कार्य को अच्छी प्रकार से कर सकने की स्थिति में आयें.
यदि हम इस पर ध्यान दें तो हमें प्रकृति की इस रचना पर आश्चर्य होना चाहिए कि इस क्रिया को इतना आनंद दायक भी बनाया गया है कि प्रजनन के समय होने वाले दर्द तक को स्त्री आसानी से सहन कर लेती है.
सेक्स प्रकृति द्वारा प्राणियों को दिया गया एक अनुपम उपहार है। सिर्फ इंसान ही नहीं, पषु, जानवर भी सेक्स का आनंद उठाते हैं। सेक्स के बारे में दुनिया में सबसे ज्यादा मिथक है और सत्तर फीसदी आबादी इन्हीं मिथकों के भरोसे जीती है। सेक्स के बारे में पूरी दुनिया में अलग-अलग ढंग के सर्वे भी हुए हैं। तो फिर सेक्स के बारे में सही तथ्य क्या है, ये हम आपकों बताते हैं। सेक्स के लिहाज से बीस के आसपास की उम्र सबसे ज्यादा संवेदनषील होती है। ज्यादातर नौजवान इस उम्र में औसतन हर दो घंटे में सेक्स के बारे में सोचते हैं। खासकर लड़कियां अपनी सेक्शुअसल इमेजिनेशन्स को लेकर काफी बोल्ड होती हैं।
वहीं, 30 की उम्र प्रयोगों की होती है। ज्यादातर घर से बाहर सेक्स को तरजीह देते हैं। अधिकतर लोग घर से बाहर बीच, पार्क जैसी जगहों को संबंध बनाने के लिए पसंद करते हैं। यह गे-पार्टनर की तरफ आकर्षित होने की उम्र भी होती है। इसके ठीक उलट, 40 की उम्र में अधिकर पुरुषों में सेक्स की इच्छा कम हो जाती है। यह पुरुषों के बेवफा होने की उम्र भी मानी जाती है। सेक्स चौट्स और पॉर्न की तरफ उनका आकर्षण बढ़ता है। दूसरी तरफ महिलाएं सेक्शुअली काफी डिमांडिंग हो जाती हैं और युवाओं की तरफ आकर्षित होने लगती हैं।

सेक्स को लेकर इंसानी फंतासियों की कोई सीमा नहीं, प्रत्येक इंसान अपनी जवानी में सेक्स के अलग-अलग प्रयोगों और तर्जुबों से गुजरता है। खासकर इस मामलें में महिलाएं अपने पुरूष पार्टनर से काफी आगे होती है, जो अपनी वैवाहिक जिदंगी में दर्जनों फंतासियों के दौर से गुजरती है। लेकिन इसके कुछ और भी पहलू हैं। अगर आपको अपने पति के अलावा किसी दूसरे व्यक्ति के साथ सेक्स के सपने आएं तो उसका क्या मतलब है आपने कभी सोचा है ? अगर आप अपने एक्स बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स का सपना देखती हैं तो इसका मतलब है- हो सकता है पुराने प्रेमी के साथ आपकी सेक्स लाइफ बहुत अच्छी रही हो। हो सकता है कि आप अपने नए साथी की तुलना पुराने साथी से ना करती हों लेकिन आपका अचेतन मन ऐसा करता है। अगर आप खुद को किसी लड़की के साथ अंतरंग संबंध का सपना देखती हैं तो इस मतलब है आपको आपकी सेक्स प्राथमिकताओं के बारे में फिर से विचार करना चाहिए। लेकिन अगर आप सपने में अपने पति के अलावा किसी और ष्षख्स के साथ सेक्स करती हैं, तो इस सपने का मतलब यह है कि आपको अपने पार्टनर के साथ पर्याप्त समय नहीं मिल रहा है और आपको उनके साथ मानसिक रूप से भावनात्मक लगाव से जुड़ने की जरूरत है

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